आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक मंगलकामनायें!
रचें ज्योति के पत्र पर सर्जना के, नये विम्ब फिर से नई लेखनी से।
नये गीत गायें नई कल्पना के, नई भंगिमा से नई रागिनी से।
उड़ें रंग उल्लास के हर दिशा में, नई भोर की कुंकुमी रोशनी से।
नये वर्ष का आगमन हो कि जैसे, नखत कोई उतरा हो मन्दाकिनी से।
अमित
सामुदायिक बिस्तर (कम्युनिटी बेड)
13 years ago