Wednesday, December 31, 2008

नव-वर्ष २००९ मंगलमय हो !!

समय की अन्तहीन सी डोर, न दिखता अगला पिछला छोर।
परिभ्रमण पृथ्वी का इक और, नई आशायें नई हिलोर ।
भूलकर असफलता अवसाद, विगत, अप्रिय विवाद- प्रतिवाद,
चलें हम नव विहान की ओर, वर्ष-नव मेघ, हुआ मन मोर।


(अमिताभ त्रिपाठी)